तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी,
और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके।
चाँदनी बन के बरसने लगती हैं
तेरी यादें मुझ पर,
बड़ा ही दिलकश मेरी
तनहाइयों का मंज़र होता है....
छुप-छुप के एहतमाम में सफ़र का पता चला,
वो जुदा हो गया तब उसके हुनर का पता चला,
जब एक-एक फूल उड़ा ले गई हवा,
तब जाकर बहार को मेरे घर का पता चला।
रात देर तक तेरी दहलीज़ पर
बैठी रहीं आँखें,
खुद न आना था तो कोई
ख्वाब ही भेज दिया होता।
ये शाम बहुत तनहा है मिलने की भी तलब है,
पर दिल की सदाओं में वो ताकत ही कहाँ है,
कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था,
मिल जायें बिछड़ कर वो किस्मत की कहाँ है।
यूं आये जिंदगी में कि ख़ुशी मिल गई,
मुश्किल राहों में चलने की वजह मिल गई,
हर एक लम्हा खुशनुमा बना दिया,
मेरी उम्मीद को नई मंजिल मिल गई।
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते,
दीदार के काबिल दिखाई दे,
संगदिल तो मिल चुके हैं हजारों,
कोई अहल-ए-दिल तो दिखाई दे।
दोस्ती चेहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती सुख दुःख की पहचान होती है,
रूठ भी जाये हम तो दिल से मत लगाना,
क्योंकि दोस्ती थोड़ी सी नादान होती है।
लम्हे ये सुहाने साथ हो न हो,
कल में आज ऐसी बात हो न हो,
आपसे प्यार हमेशा दिल में रहेगा,
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो न हो।
दिल ही दिल में तुम्हें प्यार करते हैं,
चुप-चाप मोहब्बत का इजहार करते हैं,
ये जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं,
पर पाने की कोशिश बार-बार करते है।
अब कैसे कहें कि अपना बना लो मुझको,
अपनी बाहों की क़ैद में समा लो मुझको,
एक पल भी बिन तुम्हारे काटना है मुश्किल,
अब तो मुझसे ही चुरा लो मुझको।
तमन्नाओं के ये दिए जलते रहेंगे,
मेरी आँखों से आँसू निकलते रहेंगे,
आप शमां बनके दिल में रौशनी तो करो,
हम तो मोम बनकर पिघलते रहेंगे।
प्यार का बदला कभी चुका न सकेंगे,
चाह कर भी आपको भुला न सकेंगे,
तुम ही हो मेरे लबों की हँसी...
तुमसे बिछड़े तो फिर मुस्कुरा न सकेंगे
किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाये,
काश तुझे मुझ पर ऐतबार हो जाये,
तेरी पलकें झुके और इकरार हो जाये,
काश तुझे भी मुझसे प्यार हो जाये।
भंवर से निकलकर किनारा मिला है,
जीने को फिर से एक सहारा मिला है,
बहुत कशमकश में थी ये ज़िंदगी मेरी,
उस ज़िंदगी में अब साथ तुम्हारा मिला है।
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है,
हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है,
जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले,
तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
राह में संग चलूँ ये न गँवारा उसको,
दूर रहकर वो करता है इशारे बहुत,
नाम तेरा कभी आने न दिया होंठों पर,
यूँ तेरे जिक्र से शेर सँवारे हैं बहुत।
नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी पराए,
जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
नजरों को तेरे प्यार से इंकार नहीं है,
अब मुझे किसी और का इंतज़ार नहीं है,
खामोश अगर हूँ मैं तो ये वजूद है मेरा
तुम ये न समझना कि तुमसे प्यार नहीं है।
माना कि तुम जीते हो ज़माने के लिये,
एक बार जी के तो देखो हमारे लिये,
दिल की क्या औकात आपके सामने,
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी,
और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके।
चाँदनी बन के बरसने लगती हैं
तेरी यादें मुझ पर,
बड़ा ही दिलकश मेरी
तनहाइयों का मंज़र होता है....
छुप-छुप के एहतमाम में सफ़र का पता चला,
वो जुदा हो गया तब उसके हुनर का पता चला,
जब एक-एक फूल उड़ा ले गई हवा,
तब जाकर बहार को मेरे घर का पता चला।
रात देर तक तेरी दहलीज़ पर
बैठी रहीं आँखें,
खुद न आना था तो कोई
ख्वाब ही भेज दिया होता।
ये शाम बहुत तनहा है मिलने की भी तलब है,
पर दिल की सदाओं में वो ताकत ही कहाँ है,
कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था,
मिल जायें बिछड़ कर वो किस्मत की कहाँ है।
यूं आये जिंदगी में कि ख़ुशी मिल गई,
मुश्किल राहों में चलने की वजह मिल गई,
हर एक लम्हा खुशनुमा बना दिया,
मेरी उम्मीद को नई मंजिल मिल गई।
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते,
दीदार के काबिल दिखाई दे,
संगदिल तो मिल चुके हैं हजारों,
कोई अहल-ए-दिल तो दिखाई दे।
दोस्ती चेहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती सुख दुःख की पहचान होती है,
रूठ भी जाये हम तो दिल से मत लगाना,
क्योंकि दोस्ती थोड़ी सी नादान होती है।
लम्हे ये सुहाने साथ हो न हो,
कल में आज ऐसी बात हो न हो,
आपसे प्यार हमेशा दिल में रहेगा,
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो न हो।
दिल ही दिल में तुम्हें प्यार करते हैं,
चुप-चाप मोहब्बत का इजहार करते हैं,
ये जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं,
पर पाने की कोशिश बार-बार करते है।
अब कैसे कहें कि अपना बना लो मुझको,
अपनी बाहों की क़ैद में समा लो मुझको,
एक पल भी बिन तुम्हारे काटना है मुश्किल,
अब तो मुझसे ही चुरा लो मुझको।
तमन्नाओं के ये दिए जलते रहेंगे,
मेरी आँखों से आँसू निकलते रहेंगे,
आप शमां बनके दिल में रौशनी तो करो,
हम तो मोम बनकर पिघलते रहेंगे।
प्यार का बदला कभी चुका न सकेंगे,
चाह कर भी आपको भुला न सकेंगे,
तुम ही हो मेरे लबों की हँसी...
तुमसे बिछड़े तो फिर मुस्कुरा न सकेंगे
किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाये,
काश तुझे मुझ पर ऐतबार हो जाये,
तेरी पलकें झुके और इकरार हो जाये,
काश तुझे भी मुझसे प्यार हो जाये।
भंवर से निकलकर किनारा मिला है,
जीने को फिर से एक सहारा मिला है,
बहुत कशमकश में थी ये ज़िंदगी मेरी,
उस ज़िंदगी में अब साथ तुम्हारा मिला है।
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है,
हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है,
जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले,
तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
राह में संग चलूँ ये न गँवारा उसको,
दूर रहकर वो करता है इशारे बहुत,
नाम तेरा कभी आने न दिया होंठों पर,
यूँ तेरे जिक्र से शेर सँवारे हैं बहुत।
नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी पराए,
जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
नजरों को तेरे प्यार से इंकार नहीं है,
अब मुझे किसी और का इंतज़ार नहीं है,
खामोश अगर हूँ मैं तो ये वजूद है मेरा
तुम ये न समझना कि तुमसे प्यार नहीं है।
माना कि तुम जीते हो ज़माने के लिये,
एक बार जी के तो देखो हमारे लिये,
दिल की क्या औकात आपके सामने,
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
रग-रग में इस तरह से समा कर चले गये,
जैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गये,
आये थे मेरे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते,
इक आग सी वो और लगा कर चले गये।
जैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गये,
आये थे मेरे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते,
इक आग सी वो और लगा कर चले गये।
गुलाब के फूल को हम कमल बना देते,
आपकी एक अदा पर कई गजल बना देते,
आप ही हम पर मरती नहीं... वरना
आपके घर के सामने ताजमहल बना देते।
आपकी एक अदा पर कई गजल बना देते,
आप ही हम पर मरती नहीं... वरना
आपके घर के सामने ताजमहल बना देते।
दिन रात हम वो हर काम लिख लेते हैं,
तेरी याद में गुजरी हर शाम लिख लेते हैं,
तुझे देखे बिना इक पल भी कटता नहीं,
अकेले में हथेली पे तेरा नाम लिख लेते हैं।
तेरी याद में गुजरी हर शाम लिख लेते हैं,
तुझे देखे बिना इक पल भी कटता नहीं,
अकेले में हथेली पे तेरा नाम लिख लेते हैं।
अच्छा सुनो ना...
जरुरी नहीं हर बार शब्द ही हों...
कभी ऐसा भी हो
कि मैं सोचूं... और तुम समझ लो!
जरुरी नहीं हर बार शब्द ही हों...
कभी ऐसा भी हो
कि मैं सोचूं... और तुम समझ लो!
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