हैरत से न देख मेरे चेहरे की दरारें,
मैं वक़्त के हाथों में खिलौने की तरह था।
कम ही होते हैं जज्बातों को समझने वाले,
इसलिए शायद शायरों की बस्तियाँ नहीं होती।
कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो
उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं।
बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई... ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में,
लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं।
ये शेरो-शायरी सब उसी की मेहरबानी है,
वो कसक जो सीने से आज भी नहीं जाती।
कलम के कीड़े हैं हम जब भी मचलते हैं,
खुरदुरे कागज पे रेशमी ख्वाब बुनते हैं।
अभी महफ़िल में चेहरे नादान नज़र आते हैं,
लौ चिरागों की जरा और घटा दी जाये।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,
बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
वो कागज आज भी फुलो से ज्यादा महकता है दोस्तों,
जिस पर उन्होंने मजाक में लिखा था कि हमें तुमसे मोहब्बत है..
दिल है उदास बहुत कोई पैगाम लिख दो,
तुम अपना नाम न सही गुमनाम ही लिख दो....
आखिर क्यों रिश्तों की गलियाँ इतनी तंग हैं,
शुरूआत कौन करे, यही सोच कर बात बंद है....
मोहब्बत की रंगीनियाँ छोड़ आये,
हम तेरे शहर में एक जहाँ छोड़ आए....
काश तु आये अोर गले लगा कर कहे,
बस बहुत हुआ अब नही रहा जाता तेरे बिन....
किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती....
दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती....
माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम....
हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के,
हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ....
स्याही भरी कलम से, कागज़ में था ग़म,
बयां हाल उनने पढ़ा, आँखे हो गई नम....
मुझे भी पता है कि तुम मेरी नहीं हो,
इस बात का बार बार एहसास मत दिलाया करों....
देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है,
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है....
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है,आज़माइशों के बाद....
निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को,
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है....
हो सके तो साथ रहना तुम,
दिन चाहे बुरे हो या अच्छे मेरे....
ताकत अपने लफ़्ज़ों में डालों, आवाज़ में नहीं,
क्योंकि फसल बारिश से उगती है,बाढ़ से नहीं....
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये जिन्दगी ठहरेगीं नहीं गुजर जायेगी....
आज सड़क पर निकले तो तेरी याद आ गई,
तूने भी इस सिग्नल की तरह रंग बदला था....
मोहब्बत भी कटी पतंग जैसी ही है जनाब,
गिरती वहीं है जिसकी छत बड़ी होती है....
सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती हैं
जिसमे उम्र बीत भी जाए तो सजा पूरी नहीं होती |
प्यार में डूब कर देखो, एक अलग ही नजारा हैं
इस चाहत भरी दुनिया में, एक नाम हमारा हैं|
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !
“रिश्ता” दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
“नाराजगी” शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
पांवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र,
सर पे कितना बोझ है कोई देखता नहीं।
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का,
सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम,
जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज,
हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
ज़िंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है,
ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का,
मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।
तेरी आँखों में रब दिखता हैं..
क्यूँकि सनम मेरा दिल तेरे लियें धड़कता हैं....
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यू नही….!!!
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यू नही…❤
अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल” हमने भी
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती !
किसी को तुम दिल से चाहो और वो तुम्हारी कदर ना करे तो,
ये उसकी बदनसीबी है तुम्हारी नही…..
मुझे तेरा साथ…जिंदगी भर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है…तब तक जिंदगी चाहिये!
सामने बैठे रहो दिल❤ को करार आएगा....
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा....
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये लगते हो,
मीठी बातें नहीं है तो चलो झगड़ा ही कर लो....
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी क्या इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नही होती पर…. हर ऊम्र में प्यार होता है|
प्यार करना सिखा है….नफरतो का कोई जगह नही,
बस तु ही तु है इस दिल ❤ मे, दूसरा कोई और नही....
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है तो सोच तुझसे कितनी होगी....
दिल तो हर किसी के पास होता हैँ,
लेकिन सब दिलवाले नहीँ होते……
क्या पता था कि महोब्बत ही हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था....
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा....
कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम,
आज दिल की एक एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी....
ख़्वाहिश ए ज़िंदगी बस इतनी सी है के,
साथ तुम्हारा हो ओर ज़िंदगी कभी ख़त्म ना हो।
मैं वक़्त के हाथों में खिलौने की तरह था।
कम ही होते हैं जज्बातों को समझने वाले,
इसलिए शायद शायरों की बस्तियाँ नहीं होती।
कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो
उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं।
बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई... ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में,
लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं।
ये शेरो-शायरी सब उसी की मेहरबानी है,
वो कसक जो सीने से आज भी नहीं जाती।
कलम के कीड़े हैं हम जब भी मचलते हैं,
खुरदुरे कागज पे रेशमी ख्वाब बुनते हैं।
अभी महफ़िल में चेहरे नादान नज़र आते हैं,
लौ चिरागों की जरा और घटा दी जाये।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,
बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
वो कागज आज भी फुलो से ज्यादा महकता है दोस्तों,
जिस पर उन्होंने मजाक में लिखा था कि हमें तुमसे मोहब्बत है..
दिल है उदास बहुत कोई पैगाम लिख दो,
तुम अपना नाम न सही गुमनाम ही लिख दो....
आखिर क्यों रिश्तों की गलियाँ इतनी तंग हैं,
शुरूआत कौन करे, यही सोच कर बात बंद है....
मोहब्बत की रंगीनियाँ छोड़ आये,
हम तेरे शहर में एक जहाँ छोड़ आए....
काश तु आये अोर गले लगा कर कहे,
बस बहुत हुआ अब नही रहा जाता तेरे बिन....
किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती....
दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती....
माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम....
हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के,
हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ....
स्याही भरी कलम से, कागज़ में था ग़म,
बयां हाल उनने पढ़ा, आँखे हो गई नम....
मुझे भी पता है कि तुम मेरी नहीं हो,
इस बात का बार बार एहसास मत दिलाया करों....
देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है,
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है....
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है,आज़माइशों के बाद....
निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को,
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है....
हो सके तो साथ रहना तुम,
दिन चाहे बुरे हो या अच्छे मेरे....
ताकत अपने लफ़्ज़ों में डालों, आवाज़ में नहीं,
क्योंकि फसल बारिश से उगती है,बाढ़ से नहीं....
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये जिन्दगी ठहरेगीं नहीं गुजर जायेगी....
आज सड़क पर निकले तो तेरी याद आ गई,
तूने भी इस सिग्नल की तरह रंग बदला था....
मोहब्बत भी कटी पतंग जैसी ही है जनाब,
गिरती वहीं है जिसकी छत बड़ी होती है....
सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती हैं
जिसमे उम्र बीत भी जाए तो सजा पूरी नहीं होती |
प्यार में डूब कर देखो, एक अलग ही नजारा हैं
इस चाहत भरी दुनिया में, एक नाम हमारा हैं|
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !
“रिश्ता” दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
“नाराजगी” शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
पांवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र,
सर पे कितना बोझ है कोई देखता नहीं।
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का,
सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम,
जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज,
हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
ज़िंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है,
ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का,
मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।
तेरी आँखों में रब दिखता हैं..
क्यूँकि सनम मेरा दिल तेरे लियें धड़कता हैं....
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यू नही….!!!
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यू नही…❤
अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल” हमने भी
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती !
किसी को तुम दिल से चाहो और वो तुम्हारी कदर ना करे तो,
ये उसकी बदनसीबी है तुम्हारी नही…..
मुझे तेरा साथ…जिंदगी भर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है…तब तक जिंदगी चाहिये!
सामने बैठे रहो दिल❤ को करार आएगा....
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा....
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये लगते हो,
मीठी बातें नहीं है तो चलो झगड़ा ही कर लो....
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी क्या इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नही होती पर…. हर ऊम्र में प्यार होता है|
प्यार करना सिखा है….नफरतो का कोई जगह नही,
बस तु ही तु है इस दिल ❤ मे, दूसरा कोई और नही....
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है तो सोच तुझसे कितनी होगी....
दिल तो हर किसी के पास होता हैँ,
लेकिन सब दिलवाले नहीँ होते……
क्या पता था कि महोब्बत ही हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था....
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा....
कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम,
आज दिल की एक एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी....
ख़्वाहिश ए ज़िंदगी बस इतनी सी है के,
साथ तुम्हारा हो ओर ज़िंदगी कभी ख़त्म ना हो।
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